Amit Kumar

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दोस्ती के रंग

वो जो अब दीन दुनिया से बेअसर हो चले है।
सामाजिक तानो बानो से बेखबर हो चले है।।
चलती थी जिनकी रूआबों की रैलियां।
अब उन रैलियों से भी बे-नजर हो चले है।।
कहते है लौटकर आंउंगा मै, क्योंकि वक्त के साथ गम के बादल बेअसर हो चले है।
*#अमित कुमार पटेल*#

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6 Comments

Pallavi

19-Jun-2022 03:46 PM

Nice post 😊

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Gunjan Kamal

19-Jun-2022 03:21 PM

शानदार प्रस्तुति

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Raziya bano

19-Jun-2022 03:19 PM

Nice

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